EXIT POLL या राजनीतिक षड्यंत्र? AAP ने विधायकों की खरीद-फरोख्त और चुनावी निष्पक्षता पर उठाए सवाल नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि EXIT POLL के माध्यम से एक “पूर्व-नियोजित ऑपरेशन” चलाया जा रहा है, जिससे जनता की धारणा को प्रभावित किया जाए और संभावित जनादेश को कमजोर किया जाए। पार्टी का दावा है कि इन झूठे EXIT POLL नतीजों को उसके कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित करने, मतदाताओं को भ्रमित करने और निर्वाचित प्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
AAP नेताओं का कहना है कि दिल्ली चुनाव में उनकी हार की भविष्यवाणी करने वाले एग्ज़िट पोल निष्पक्ष सर्वेक्षण नहीं, बल्कि एक रणनीतिक नैरेटिव हैं। “अगर ये पोल वास्तविक हैं, तो हमारे विधायकों को दल बदलने के लिए ₹15-20 करोड़ की पेशकश क्यों की जा रही है? यहां तक कि मौजूदा मंत्रियों से भी संपर्क किया जा रहा है। इससे असली साजिश उजागर होती है: पहले मनोबल तोड़ो, फिर विधायकों को तोड़ो,” AAP प्रवक्ता ने आरोप लगाया।
पार्टी का कहना है कि इन सर्वेक्षणों का उद्देश्य जनमत जानना नहीं, बल्कि राजनीतिक जोड़तोड़ को सही ठहराना है। “अगर जनादेश वास्तव में हमारे खिलाफ होता, तो विधायकों को खरीदने की जरूरत क्यों पड़ती? यह साबित करता है कि एग्ज़िट पोल एक पूर्व-निर्धारित योजना का हिस्सा हैं,” प्रवक्ता ने जोड़ा।
चुनाव आयोग पर उठे सवाल
AAP ने चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से कथित विधायक खरीद-फरोख्त की जांच की मांग की है। पार्टी का कहना है कि चुनाव परिणाम पहले से तय हो सकते हैं। “अगर चुनाव निष्पक्ष हैं, तो निर्वाचित प्रतिनिधियों को प्रभावित करने की इतनी हड़बड़ी क्यों? क्या वास्तव में वोटों की गिनती हो रही है, या फिर यह एक पूर्व-निर्धारित नाटक है?” पार्टी ने सवाल उठाया।
रिपोर्टों के अनुसार, AAP के कम से कम एक दर्जन विधायकों को मोटी रकम के ऑफर मिले हैं। “यह सिर्फ AAP की लड़ाई नहीं है। अगर विधायकों को खुलेआम खरीदा जा सकता है, तो लोकतंत्र खतरे में है। कल कोई भी सरकार वोटों से नहीं, बल्कि गुप्त सौदों से बनाई जा सकती है,” एक वरिष्ठ AAP नेता ने चेतावनी दी।
लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लिए खतरा?
AAP इस विवाद को लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई के रूप में देख रही है। “यह केवल एक पार्टी का मुद्दा नहीं है। अगर जनता आज चुप रही, तो कल कोई भी सरकार जनता के वोट से नहीं, बल्कि गुप्त सौदों से बनेगी,” पार्टी के बयान में कहा गया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि AAP के आरोप चुनावी प्रक्रिया की कमजोरियों को उजागर करते हैं, लेकिन संस्थागत मिलीभगत के ठोस सबूत अभी तक सामने नहीं आए हैं।
विपक्षी दलों ने इन आरोपों को “संभावित हार के बहाने” करार दिया है, जबकि चुनाव आयोग ने जनता को निष्पक्ष मतगणना का आश्वासन दिया है।
बड़ा सवाल:
जब दिल्ली चुनाव के नतीजे आने वाले हैं, AAP के आरोपों ने एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है: क्या EXIT POLL चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं? और अगर वोटों की गिनती से पहले ही विधायकों की खरीद-फरोख्त शुरू हो जाती है, तो यह भारत के लोकतांत्रिक ढांचे के बारे में क्या कहता है?
PTI से इनपुट के साथ
नोट: यह लेख AAP द्वारा लगाए गए आरोपों को प्रस्तुत करता है और विधायक खरीद-फरोख्त या एग्ज़िट पोल हेरफेर के दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता। विपक्षी दलों और चुनाव आयोग की प्रतिक्रियाएं संतुलन बनाए रखने के लिए शामिल की गई हैं।